
राँची: रांची के खेलगांव स्थित हरिवंश टाना भगत इंडोर स्टेडियम में झामुमो का 13वां महाधिवेशन दो दिवसीय चिंतन के बाद समाप्त हो गया। इस मौके पर गुरुजी शिबू सोरेन, सीएम हेमंत सोरेन, विधायक कल्पना सोरेन, रूपी सोरेन समेत कई दिग्गज नेता मौजूद रहे।
महाधिवेशन में झामुमो ने राष्ट्रीय राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाने की रणनीति बनाई। दिल्ली में संपर्क कार्यालय खोलने और बिहार के कई जिलों—जमुई, भागलपुर, पूर्णिया, कटिहार, किशनगंज, बांका में संगठन को मज़बूत करने का फैसला लिया गया। असम के कोकराझार, डिब्रूगढ़ जैसे जिलों में रह रहे झारखंडी प्रवासियों को एकजुट कर उनकी आदिवासी पहचान की रक्षा का संकल्प लिया गया।
महाधिवेशन में वक्फ बिल संशोधन 2025 पर तीखी प्रतिक्रिया दी गई और इसका विरोध करते हुए इसे अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर हमला बताया गया। कल्पना सोरेन ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि अब वक्त आ गया है कि झामुमो का झंडा दिल्ली में भी लहराए।
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार की योजनाओं का लाभ जनता तक पहुंचाना कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारी है। झारखंड की जनता ने जो विश्वास जताया है, उसे और मज़बूत करना है।