
बक्सर : बक्सर जिले के राजपुर थाना क्षेत्र के अहियापुर गाँव में हुए तिहरे हत्याकांड ने बिहार में प्रशासनिक विफलता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। बालू रखने के विवाद में हुई इस अंधाधुंध गोलीबारी में तीन व्यक्तियों की मौत और आधा दर्जन लोगों का घायल होना, क्षेत्र में बेखौफ अपराधियों की मौजूदगी और प्रशासन की निष्क्रियता को दर्शाता है।इस घटना के बाद, जहां एक ओर पूरे बिहार में प्रशासन को कटघरे में खड़ा किया जा रहा है, वहीं स्थानीय अंचलाधिकारी (CO) द्वारा जारी की गई एक चिट्ठी ने इस विफलता को और भी उजागर कर दिया है। यह चिट्ठी बताती है कि अहियापुर हत्याकांड के नामजद आरोपियों ने बिहार सरकार की जमीन पर अवैध तरीके से कब्जा कर रखा था, जिससे प्रशासन बौना साबित हुआ।सूत्रों के अनुसार, जिलाधिकारी ने बक्सर एसडीएम को अहियापुर हत्याकांड के नामजद आरोपियों के कब्जे वाले सामुदायिक भवन को खाली कराकर तालाबंदी करने का आदेश दिया था। हालांकि, जिलाधिकारी के इस स्पष्ट आदेश के बावजूद, एसडीएम ने इन बाहुबलियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। यह प्रशासनिक उदासीनता और बाहुबलियों के सामने झुकने की प्रवृत्ति को दर्शाता है।ताजा विवाद अंचलाधिकारी की उस चिट्ठी से उपजा है, जिसमें उन्होंने नहर किनारे बालू बेचने के मामले में राजस्व कर्मचारी को सरकारी भूमि पर अवैध कब्जे के लिए जिम्मेदार ठहराया है। इसके साथ ही, अहियापुर तिहरे हत्याकांड में भी उनकी जिम्मेदारी तय करने की बात कही गई है। अंचलाधिकारी ने राजस्व कर्मचारी को स्पष्टीकरण नहीं देने पर प्राथमिकी (FIR) दर्ज करने की भी धमकी दी है।
