
नई दिल्ली : जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार ने बड़ा निर्णय लेते हुए सभी पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द कर उन्हें भारत छोड़ने का निर्देश जारी कर दिया है। इस फैसले के तहत देश के अलग-अलग हिस्सों से सैकड़ों पाकिस्तानी नागरिकों को वापस भेजा जा चुका है। लेकिन इन्हीं के बीच सीमा हैदर का मामला सरकार और सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक पेचीदा मुद्दा बना हुआ है।
नोएडा के गौतमबुद्ध नगर में रह रही सीमा हैदर, जो अवैध रूप से पाकिस्तान से भारत आई थी, उसके मामले में अभी तक कोई ठोस निर्णय नहीं हो पाया है। पुलिस कमिश्नरेट द्वारा जानकारी दी गई है कि अभी तक विदेशी पंजीकरण कार्यालय (एफआरओ) से सीमा हैदर के दस्तावेजों की पुष्टि नहीं हो सकी है। इस वजह से कोर्ट में चार्जशीट दाखिल करने में भी देरी हो रही है।
पुलिस का रुख:
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि सीमा का मामला बाकी नागरिकों से भिन्न है और न्यायालय में विचाराधीन है। कोई भी कार्रवाई तभी की जाएगी जब एफआरओ से जवाब मिल जाए और कोर्ट का कोई स्पष्ट निर्देश मिले। अभी तक न तो कोई नया सरकारी आदेश आया है और न ही सीमा को भारत छोड़ने को कहा गया है।
सीमा हैदर का पक्ष:
सीमा हैदर पहले ही यह सार्वजनिक रूप से कह चुकी हैं कि वह भारत में ही रहना चाहती हैं। उनका दावा है कि उन्होंने हिंदू धर्म अपनाया है और उत्तर प्रदेश निवासी सचिन मीणा से विवाह कर चुकी हैं। उनके वकील एपी सिंह का कहना है कि यह मामला पूरी तरह मानवीय है और सीमा अब भारत की बहू है, ना कि कोई खतरा।
सरकार की नीति और असमंजस:
जहां एक ओर सैकड़ों पाकिस्तानी नागरिकों को वापस भेजा जा रहा है, वहीं सीमा हैदर का मामला लोगों के बीच चर्चा और विवाद का विषय बना हुआ है। सरकार की तरफ से इसपर चुप्पी और एफआरओ की रिपोर्ट में देरी इस मुद्दे को और उलझा रही है।