
बेगूसराय | बिहार के बेगूसराय जिले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने हवाला कनेक्शन को लेकर मंगलवार को बड़ी कार्रवाई की। मंसूरचक थाना क्षेत्र के समसा गांव स्थित वार्ड नंबर-13 में ईडी ने पंकज ठाकुर के बेटे अविनाश ठाकुर और झप्पू साह के बेटे रजनीश कुमार उर्फ राजा के घरों पर करीब 10 घंटे 30 मिनट तक छापेमारी की।
450 करोड़ के हवाला रूट का शक
ईडी को सूचना मिली थी कि विदेश से करीब 450 करोड़ रुपए हवाला के जरिए भारत भेजे गए और उसकी बड़ी मात्रा में निकासी भी की गई। यह मामला एक अंतरराष्ट्रीय फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग नेटवर्क से जुड़ा हुआ हो सकता है।
जानकारी के अनुसार, अविनाश और रजनीश पहले फ्लिपकार्ट में कार्यरत थे लेकिन पिछले वर्ष नौकरी छोड़कर गांव लौट आए और फिर “दूसरा काम” शुरू करने की बात कही।
बैंक खातों और सिम का नेटवर्क
ईडी की प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि ये दोनों युवक विभिन्न बैंकों में फर्जी तरीके से खाता खुलवाते थे, जिनमें अपने मोबाइल नंबर रजिस्टर कराते थे।
इन खातों में भारी मात्रा में ट्रांजेक्शन किए जाते थे, पैसे निकालने के बाद खाता बंद और सिम नष्ट कर दी जाती थी।
इन दोनों पर अन्य लोगों को भी प्रलोभन देकर खाते खुलवाने और उनका दुरुपयोग करने का आरोप है।
देशभर में की यात्रा, रिश्तेदार की संदिग्ध भूमिका
अविनाश और रजनीश की दिल्ली, पंजाब, जम्मू-कश्मीर सहित कई राज्यों में यात्रा की जानकारी सामने आई है।
ईडी को संदेह है कि इस नेटवर्क का सिरा देश के कई हिस्सों से जुड़ा हो सकता है।
अविनाश का एक रिश्तेदार सिलीगुड़ी में रहता है, जिसकी गतिविधियां भी संदिग्ध पाई गईं। ईडी की एक टीम सिलीगुड़ी में उसके ठिकाने पर भी छापेमारी कर रही है।
लग्जीरियस लाइफ बना संदेह का आधार
स्थानीय लोगों का कहना है कि दोनों युवक नौकरी छोड़ने के बाद भी काफी लग्जीरियस जीवन जी रहे थे।
नई गाड़ियां, घर निर्माण और ऊंचा स्टेटस दिखाने के बावजूद यह कहते थे कि “बड़ी कंपनी में अच्छी सैलरी मिल रही है।”
CRPF की सुरक्षा में छापेमारी, कोई आधिकारिक बयान नहीं
ईडी की यह कार्रवाई CRPF की सुरक्षा व्यवस्था में की गई। छापेमारी के दौरान स्थानीय पुलिस या प्रशासनिक अधिकारी को भी पास नहीं जाने दिया गया।
शाम 6 बजकर 15 मिनट पर ईडी टीम अविनाश और रजनीश का मोबाइल फोन, अविनाश की मां का पासबुक और आधार कार्ड जब्त कर अपने साथ ले गई।
फिलहाल इस पूरे मामले पर कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। ईडी के उच्च अधिकारियों की ओर से प्रेस कॉन्फ्रेंस या स्टेटमेंट की प्रतीक्षा की जा रही है।
गांव में चर्चा का विषय, जांच जारी
इस कार्रवाई के बाद समसा गांव में सन्नाटा और सरगोशियाँ हैं। कोई भी खुलकर कुछ कहने से बच रहा है, लेकिन लोग यह जरूर कह रहे हैं कि
“इतना पैसा, इतनी यात्रा और अचानक नौकरी छोड़ना – सबकुछ सामान्य नहीं था।”