
पटना | बिहार की राजनीति एक बार फिर उफान पर है। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने आगामी 9 जुलाई को पूरे बिहार में ‘चक्का जाम’ आंदोलन की घोषणा की है। यह आंदोलन राज्य में चल रही मतदाता सूची पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) प्रक्रिया में कथित गड़बड़ियों के खिलाफ किया जा रहा है।
तेजस्वी यादव ने पटना में प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि “राज्य की एनडीए सरकार और केंद्र चुनाव आयोग के माध्यम से दलितों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के वोट जानबूझकर हटवा रही है। यह लोकतंत्र के खिलाफ एक सोची-समझी साजिश है। हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे और जनता को सड़कों पर उतारेंगे।”
महागठबंधन (RJD, कांग्रेस, वाम दल) ने आरोप लगाया है कि राज्य में लाखों पात्र मतदाताओं के नाम या तो सूची से गायब हैं या उन्हें गलत तरीके से अपात्र घोषित कर दिया गया है। इसके विरोध में महागठबंधन ने राज्यव्यापी चक्का जाम का आह्वान किया है।
इस बीच, राज्य निर्वाचन आयोग ने सभी जिलों में BLO स्तर पर चल रही प्रक्रिया की समीक्षा तेज कर दी है। अब तक 1.5 करोड़ घरों तक फॉर्म पहुंचाए जा चुके हैं, लेकिन विरोधियों का कहना है कि प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं है।
प्रशासन ने चक्का जाम को देखते हुए सभी जिलों में धारा 144 लागू करने और सुरक्षा व्यवस्था सख्त करने के निर्देश दिए हैं। विशेषकर पटना, दरभंगा, गया और मुजफ्फरपुर जैसे संवेदनशील इलाकों में पुलिस बल तैनात किया जाएगा।
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार यह आंदोलन केवल चुनावी रणनीति नहीं, बल्कि महागठबंधन की राजनीतिक एकजुटता और जनाधार की शक्ति का प्रदर्शन भी है।