
नई दिल्ली : भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट और पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एस.वाई. कुरैशी को लेकर विवादास्पद बयान दिया है, जिससे राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है।
प्रेस वार्ता में दुबे ने कहा, “अगर सुप्रीम कोर्ट ही कानून बनाएगा तो संसद को बंद कर देना चाहिए। आज देश में जो गृह युद्ध की स्थिति बन रही है, उसके लिए जस्टिस संजीव खन्ना जिम्मेदार हैं।” उन्होंने आरोप लगाया कि न्यायपालिका संसद की भूमिका को कमजोर कर रही है।
दुबे ने पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त कुरैशी पर भी निशाना साधते हुए उन्हें “मुस्लिम आयुक्त” बताया और आरोप लगाया कि उनके कार्यकाल में झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठियों को वोटर ID जारी किए गए।
इन बयानों पर भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने सफाई देते हुए कहा कि ये दुबे के व्यक्तिगत विचार हैं और पार्टी इससे सहमत नहीं है। उन्होंने कहा, “हम न्यायपालिका का सम्मान करते हैं। दुबे को ऐसा बयान नहीं देना चाहिए था।”
दुबे के बयानों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के एक वकील ने अटॉर्नी जनरल से उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई शुरू करने की मांग की है।
विपक्षी दलों ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस के जयराम रमेश ने इसे “भाजपा का डैमेज कंट्रोल” बताया, वहीं AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, “दुबे अदालतों को धमका रहे हैं। ये लोकतंत्र के लिए खतरनाक है। निशिकांत दुबे के बयान ने भाजपा के लिए राजनीतिक संकट खड़ा कर दिया है और अब यह मामला कानूनी दायरे में भी पहुंच चुका है।